सोमवती अमावस्या सोमवार 8 अप्रैल 2024

सोमवती अमावस्या सोमवार 8 अप्रैल 2024

सूर्य ग्रहण लगेगा 8 अप्रैल 2024 सोमवार को

अमावस्या के दिन लगने जा रहा है.जो कि पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और इस दौरान कुछ देशों में दिन भी बिल्कुल अंधेरा छा जाएगा. यह पिछले 50 सालों का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण भी होगा हालांकि, स्पष्ट कर दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. क्योंकि सूतक काल तभी मान्य होता है जब ग्रहण दिखाई देता है. बता दें कि इस ग्रहण को अमेरिका, उत्तरी यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.

यह महिलाओं का प्रमुख व्रत है। महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती है। सोमवती अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए। जो महिलाएँ हर अमावस्या का व्रत नहीं कर सकती है वह सोमवती अमावस्या का व्रत करना चाहिए और पीपल के पेड़ की 108 बार घागा लपेटतें हुए परिक्रमा करनी चाहिए। पीपल की पेड़ विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोमवार चन्द्रमा का दिन है। इस दिन सूर्य तथा चन्द्रमा एक सीध में स्थित रहते हैं। इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य फल वाला माना जाता है।

अमावस्या के दिन पितृदोष और पितरों के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं।

अमावस्या के दिन आटे की छोटी-छोटी गोलियां बना लें और किसी तालाब में मछलियों को खिलाएं। ऐसा करने से आपको पुण्य मिलेगा और धन लाभ होगा। यदि आप यह काम घर के बच्चे से करवाते हैं तो आपके लिए यह और भी फलदायक सिद्ध होगा।

अगर संभव हो तो अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में जा कर स्नान करें या फिर अपने नहाने के पानी में गंगा जल मिलाएं।

अमावस्या के दिन सुबह समय पर उठ जाएं और स्नान आदि करने के बाद हनुमान जी का पाठ करें और उन्हें लड्डू का भोग लगाएं। यदि आप पाठ नहीं कर पा रहे तो हनुमान बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। आप पूजा करते समय हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दिया जलाएं।

घर में पूजा करने के अलावा आप मंदिर जाएं और अन्न का दान करें। अन्न दान को हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा पुण्य माना गया है और यदि इस कार्य को अमावस्या के दिन किया जाए तो यह और भी शुभ होता है।

इस दिन शनि देव को तेल का दान करें। साथ में आप काली उड़द और लोहा भी दान कर सकते है।

भगवान शिव को दूध चढ़ायें, जल चढ़ायें, बेलपत्र एवं पुष्प चढ़ायें। रोली, चावल, मेहंदी से माता पार्वती की पूजा करें। धूप – दीप जलाकर आरती करें।

इसके बाद पीपल के वृक्ष की पूजा करें। पीपल के पेड़ पर जल चढ़ायें, रोली चावल से पूजा करके दीपक जलायें और पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमा करें। ऐसा करने से साधक के सौभाग्य में बढोत्तरी होती हैं।

सोमवती अमावस्या पर तुलसी जी का पूजन भी करें। तुलसी में जल चढ़ायें, रोली, मोली, चावल से पूजा करें और दीपक जलायें। उसके बाद तुलसी जी की 108 परिक्रमा करें। इस दिन तुलसी पूजन करने से घर की गरीबी का नाश होता हैं।

फिर भगवान सूर्य को अर्ध्य दें।

गायों को चारा खिलायें, गरीबों को अन्न और वस्त्र का दान करें।

अपने पितरों की शांति के लिये पितरों को जल दें, और यदि सम्भव हो तो तीर्थ स्थान पर जाकर उनके नाम से पिंड़दान करें। इस दिन ऐसा करने से आपके पितरों को शांति मिलती हैं।

आपका शरीर स्वस्थ रहे आप दीर्घायु हों आपका जीवन मंगलमय हो प्रभु श्री राम जी की कृपा अनवरत आप पर बनी रहे।

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